8 आसान तरीको से 

जीतने वाली आदतें बनाएँ

वह ज्ञान व्यर्थ है जो अमल में नहीं लाया जा रहा है। बदलाव जानने से नहीं वरन अमल में लाने से पैदा होता है। अमल में लाने के लिए ज्ञान को आदत में बदलना पड़ता है। यहीं अधिकांश लोग असफल हो जाते हैं। आज मैं आपको एक सरल, शक्तिशाली, और सिद्ध पद्धति दे रहा हूँ जिससे जीवन में आदतों को पैदा किया जा सकता है। एक बार आपकी इच्छाएँ आदतों में बादल गई तो फिर वो जीवन का हिस्सा हो जाती हैं क्योंकि आदतों को याद नहीं रखना पड़ता।

स्पष्ट निर्णय से शुरुआत करें

सबसे पहले, एक निर्णय लें। स्पष्ट रूप से तय करें कि आप उस समय 100% विशिष्ट तरीके से क्या शुरू करने जा रहे हैं। निर्णय आपके दिमाग में स्पष्ट होना चाहिए। उस निर्णय में कब, कहाँ, कैसे आदि स्पष्ट होना चाहिए। उदाहरण: मुझे सेहत पर ध्यान देना है की बजाय यह कहें कि मैं कल से सुबह 7 बजे एक घंटे के लिए हर दिन जिम जाऊंगा। अपने निर्णय को लिखें और याद करें।

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निर्णय अनेक लोगों को बताएं

यदि आपका स्वाभिमान ऊँचा है तो आप आदत की घोषणा करने के बाद पीछे नही रह पाएंगे। आप दूसरों के सामने अपनी ज़बान की कीमत सिद्ध करने के लिए अक्सर अपने वादों को पूरा करने का प्रयास करेंगे। वादों को पूरा करने के प्रयास में धीरे-धीरे वो आपकी आदत में परिवर्तित हो जाएगा। आदत का निर्णय लेते साथ उसकी घोषणा कर देना बहुत से लोगों की प्रथम रणनीति होती है।

एक प्रतिज्ञा बनाएँ

एक प्रतिज्ञा बनाए, जिसे आप बार-बार दोहरा सकें। यह पुनरावृत्ति अकल्पनीय रूप से उस गति को बढ़ाती है जिस पर आप नई आदत विकसित करते हैं। उदाहरण के लिए, आप कुछ ऐसा कह सकते हैं, "मैं प्रत्येक सुबह 6:00 बजे उठ जाता हूं!" आप सो जाने से पहले इन शब्दों को दोहराएं। आप देखेंगे किआप अलार्म घड़ी बंद होने से कुछ मिनट पहले ही बिना किसी निर्देश के उठ जाएंगे, और जल्द ही आपको अलार्म घड़ी की आवश्यकता नहीं होगी। यह तरीका अफरमेशन के नाम से पूरे विश्व में शक्तिशाली लोग अपनाते हैं।

छोटे और मापने योग्य वादे करें

अक्सर लोग बड़ा करने के चक्कर में बहुत बड़े वादे कर लेते हैं और उनको आदत में परिवर्तित करने का प्रयास करने लगते हैं। एक दो दिन तो किसी तरह तरीके से वो कर लेते हैं लेकिन उसके बाद शारीरिक, मानसिक एवं अन्य किस्म की पीड़ा होने लग जाती है। आदत बनने से पहले ही वो वादा टूट जाता है। बाद में उसका भय भी बैठ जाता है और कोई अगली बार उसको दोहराना नही चाहता। छोटी छोटी विजय हासिल करें और परिणाम के रूप में बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करें। विजय ऐसी हो जिसको हर दिन आप माप सकें और अपनी प्रगति पर खुश हो सकें।

तुरंत और अभी में यकीन करें

मान लीजिये किसी भी कार्य का समय हो गया तो अलार्म बजते साथ उठ जाएँ। उठ कर सीधा खड़े हों और काम पर डट जाएँ। थोड़ी देर और, मूड नहीं बन रहा जैसे कमजोर शब्दों का सहारा ना लें। सीधे कूद पड़ें। टालने वाला कभी विजेता नहीं बन सकता।

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फूलप्रूफ सिस्टम बनाएँ

आप भूल ना जाएँ इसलिए मोबाइल पर अलार्म लगा लें। अपने परिवार के सदस्य या स्टाफ से कहें की वो आपको याद दिलाएँ। मान लीजिये की आपको जिम जाना है तो रात को ही अपना कॉस्ट्यूम और जिम बैग तैयार कर लें। किसी व्यक्ति के साथ टीम बना लें क्योंकि बहुत सी आदतें सही संगत में विकसित होती है। एक दूसरे को प्रेरित करके बहुत सी मंज़िलों को पाया जा सकता है। अनेक बार सिर्फ भूल जाने की वजह से अपने किये गए वादों का पालन नही होता है साथ ही आदत का निर्माण नही होता। इस भूल जाने को हराने के लिए हम एक जगह आदत को लिख कर रखें। इस भूल जाने को हराने के लिए अनेक जगह वादों को लिख के रखें। जिससे वो आपको बार बार याद आते रहे और आप उनका पालन करते रहे।

बाधाओं के लिए रणनीति बनाएं

हर नई आदत के पालन करने में रुकावटें आएंगी। आपका दृढ़ निश्चित होना आपकी सफलता के रास्ते में आने वाले हर बाधा को ठोकर मार कर आगे बढ़ने में सहायक होगा। जब आप पहले से जानते हैं कि आपकी बाधाएं क्या हैं, तो आप उन्हें दूर करने के लिए निवारक कार्रवाई कर सकते हैं।स्वयं को मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करें और अनुमान लगाएं कि जो भी बाधाएँ आएंगी वो आपके समक्ष टिक नहीं सकेंगी। रणनीति के कुछ उदाहरण देखें:

"अगर बाहर मौसम ठीक नहीं है और बारिश हो रही है, तो मैं आज सुबह के वॉक के बजाय जिम में कसरत करूँगा।" "

"अगर मुझे दिन के अंत में अपनी योजना के लिए समय नहीं मिल रहा है, तो मैं सुबह 30 मिनट पहले जागना शुरू कर दूंगा और दूसरे कार्यों को समय देने से पहले उस आवश्यक कार्य को पूरा करूंगा।"

अपने आप को पुरस्कृत करें और दंड भी दें

अपने आप को नए व्यवहार में अभ्यास करने के लिए इनाम दें। हर बार जब आप खुद को पुरस्कृत करते हैं, तो आप व्यवहार को पुन: संकल्पित करते हैं। जल्द ही आप आदत को पूर्ण करने के पश्चात मिलने वाले इनाम का आनंद लेना शुरू कर देंगे। ठीक इसी तरह जब आप लगातार वादे तोड़े तो खुद को दंड भी दें।

Dr. Ujjwal Patni
Motivational Speaker and Top Business Coach

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