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कौन से ऐसे गुण हैं जो आप अपने बच्चों में देखना चाहेंगे? बड़ा होकर उसका व्यक्तित्व कैसा हो, वो कैसे जिये और कैसा आचरण है? क्या अपने इसके बारे में सोचा है या आपके टीवी और इंटरनेट के प्रभाव में बिना किसी योजना के बड़े हो रहे हैं। यह भी सच है कि वो कल कैसे बनेंगे, ये आप तय नहीं कर सकते लेकिन यह भी सच है कि यदि आप वैसा माहौल दें तो काफी हद तक बच्चे साँचे में ढल सकते हैं।
जब हम छोटे-छोटे विषय जैसे कि घर, गाड़ी और विदेश यात्रा की विस्तृत योजना बनाते हैं तो क्या हमें अपनी सबसे अमूल्य संपत्ति, हमारी संतान के पालन-पोषण की सही योजना नहीं बनानी चाहिए। जब मैंने अपने बच्चों के पालन-पोषण की योजना बनाई तो तय किया कि उनके जीवन, व्यक्तित्व और सोचने के तरीके मे निम्न H होना चाहिए :
पहला H : HAPPINESS जो भी करें, खुश रहें
वे जिस भी काम को करें, जिस भी प्रोफेशन या करियर को अपनाएँ जिसमें वे हैप्पी रहें। वो कम कमाएं, विदेशी गाड़ियाँ न हों, वर्ल्ड टूर न कर सकें तो भी चलेगा लेकिन वो जिस भी काम को करें, उसको करते समय उनका चेहरा दमकना चाहिए।
उनको अपने काम में गहरी आंतरिक संतुष्टि का अनुभव होना चाहिए। यदि आप काम से बेइंतहाँ प्यार करेंगे तो उसमें टॉप पर पहुँचना निश्चित है। मन की करने के रास्ते में कुछ दूसरे क्षेत्र नज़रअंदाज़ भी हो तो चलेगा क्योंकि आप हर चीज़ में सफल नहीं हो सकते। मैंने जीवन की शुरुआत एक डेन्टिस्ट के रूप में की और मैं खासा सफल था। एक समय के बाद मुझे लगा कि मैं खुश नहीं हूं और मुझे कुछ बड़ा और प्रभावी करना चाहिए। मैं अपना हॉस्पिटल छोड़कर लाखों लोगों की ज़िंदगियों को छूने के लिए निकल पड़ा और आज मैं सपनों का जीवन जी रहा हूँ। खुश हूँ इसलिए अब घड़ी और घंटों की परवाह ही नहीं है, पूरा जीवन ही एक उत्सव हो गया है।
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दूसरा H: HUMBLE अर्थात विनम्र रहें
यह मेरे दिल के बहुत करीब है। मैं चाहता हूँ वो हम्बल अर्थात विनम्र हों। आज मेरे कार्यों की वजह से हर लोग मेरे ऑटोग्राफ लेते हैं, साथ में फोटो खिंचवाते हैं और मुझसे दुगुनी उम्र भी मुझे बेहद आदर देते हैं। कभी कोई अपने छोटे से बच्चे को लेकर नामकरण कराने के लिए आ जाते हैं या कभी कोई बड़ा इंटरव्यू में जाने के पहले आशीर्वाद लेने जाता है।
यह मेरे दिल के बहुत करीब है। मैं चाहता हूँ वो हम्बल अर्थात विनम्र हों। आज मेरे कार्यों की वजह से हर लोग मेरे ऑटोग्राफ लेते हैं, साथ में फोटो खिंचवाते हैं और मुझसे दुगुनी उम्र भी मुझे बेहद आदर देते हैं। कभी कोई अपने छोटे से बच्चे को लेकर नामकरण कराने के लिए आ जाते हैं या कभी कोई बड़ा इंटरव्यू में जाने के पहले आशीर्वाद लेने जाता जब-जब अहंकार आना शुरू हो जाता है तो मैं भगवान से प्रार्थना करता हूँ कि मुझे किसी ऐसे बड़े आदमी से मिला दो जिनके सामने मेरा अहंकार चूर-चूर हो जाए और फिर से मैं सामान्य हो जाऊँ। मेरे बच्चों में कभी अहंकार ना आए क्योंकि उपलब्धि पाकर घमंड आना बहुत सरल है, उपलब्धि पाकर विनम्र रहना कठिन है।
मैं देखता हूँ कि लोग अपने से समृद्ध और शक्तिशाली का तो आदर करते हैं लेकिन सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था में जो निम्न पायदानों पर हैं, उनके साथ रफ व्यवहार करते हैं। वो अपने से कमजोर लोगों का सम्मान कर सके। विनम्र होना कमजोरी नहीं है बल्कि एक अचीवर का हम्बल होना उसकी बहुत बड़ी शक्ति है। अमिताभ बच्चन, सचिन तेंदुलकर, बिल गेट्स, वारेन बुफ़े और रतन टाटा ये सारे लोग विनम्रता में मेरे रोल मोडेल हैं। ये लोग जितनी ऊंचाई पर है, उतने ही झुके हुए हैं।
थीसरा H जानने के लिए इस विषय पर डॉ पाटनी ने एक शक्तिशाली शो रिलीज किया हैं , विडियो नीचे देखें ।
चौथा H: HONESTY WITH SELF
मैं चाहता हूँ कि वो सदा अपने आप से ईमानदार रहें। जो वादा खुद से कर दिया, वो वादा कभी ना तोड़ें। कोई ऐसी परिस्थिति हो कि बच्चे वादा न निभा पाए तो मुंह चुराने की बजाय, झूठ बोलने या बहाना बनाने की बजाय सामने बैठ कर साहस से स्वीकार करें कि मुझसे ये गलती हुई है।
उनमें वो साहस होना चाहिए कि लोगों का सामना कर सकें। गलती होने से जाकर माफ़ी और मोहलत मांग सकें या समाधानों पर चर्चा कर सकें। जो खुद से ईमानदार रह सकता है और आत्मचिंतन कर सकता है, उसकी ऊंचाई निश्चित है।
पंचवा H- HIGH THINKING अर्थात बड़ी सोच
मैं चाहता हूँ कि मेरे बच्चे बड़ा सोचें। छोटा शहर, परिस्थिति, भाग्य या मौका नहीं मिला जैसे कमजोर बहाने ना खोजें। बड़ा सोचने के लिए दुनिया घूमें, किताबें पढ़ें, सेमीनार्स में हिस्सा लें और दूरदर्शियों के साथ मित्रता रखें । उनके सर्कल में औसत या नेगेटिव सोचने वाले हल्के लोग न रहें। जब भी सोचें राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सोचें, दुनिया बदलने की सोचें, बेहतरी लाने की सोचें।
मैं अपने प्रोग्राम में लगातार कहता हूँ कि आप दूसरों का नुकसान किए बिना भी बड़े बन सकते हैं। आपको बड़ा बनने के लिए किसी को छोटा बनाने की ज़रूरत नहीं है। अपनी लाइन बड़ी करें जिससे कि दूसरे की लाइन खुद-बख़ुद छोटी हो जाए। अपनी उपलब्धियों से दूसरों को हराएँ न कि बेईमानी करके या किसी और का अधिकार लेकर हराए। जब लोग जब उनकी तरफ़ देखें तो विश्वसनीयता और भरोसे के साथ देखे। आज मुझसे मेरे प्रतिभागी अपनी पर्सनल से पर्सनल बात शेयर कर लेते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि मैं जान दे देंगे लेकिन भरोसा नहीं तोड़ूँगा। ये गुण उनमें आना चाहिए ।
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जब जो काम किया मैंने हमेशा ये सोचा कि उसका सबसे बड़ा स्वरूप कैसे प्राप्त होगा। मेरी पहली बुक जब छपी तब से मेरे दिमाग में था कि मैं बारह भाषाओं में छापूंगा और आज उससे ज्यादा भाषाएँ।है। जब विश्व रिकार्ड बनाने की बात आई, कई लोगों ने पहले छोटा रेकॉर्ड बनाने को कहा लेकिन मैंने निर्णय लिया कि गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में ही नाम दर्ज होगा और तीन बार टीम के साथ गिनीज़ वर्ल्ड रेकॉर्ड बनाया।इसलिए मैं चाहता हूँ मेरे बच्चों में हाइ-थिंकिंग हो, वो सोचे तो बड़ा सोचें, बातें करें तो बड़ी करें, कोई काम करें तो बड़ी करें और चिल्हर-चवन्नी चीजों पर अपनी एनर्जी न खर्च करें। हमारे पास सीमित ऊर्जा और समय है, इसलिए उन्हें महत्वपूर्ण चीजों में लगाएँ ।
आज मैं हर माता-पिता से अपील करता हूँ कि एकांत में खूब समय निकालें और संयुक्त रूप से पालन-पोषण की योजना बनाएं। उस योजना को लिखें, अपना 100 प्रतिशत डालें और बाद में फायदा होगा या नहीं, इसकी चिंता ना करें। मैं ये विश्वास दिलाता हूँ की यह करने के बाद आपको भविष्य में मलाल नहीं होगा कि हम जितनी मेहनत कर सकते थे, उतनी नहीं की। यह अवसर बार बार नहीं मिलता, इसलिए व्यापार या अन्य व्यस्तताओं के बीच नजर अंदाज़ ना करें। ये आपके जीवन का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है।
How to develop Talent, leadership, decision making and values in your kids ??
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Dr. Ujjwal Patni
Motivational Speaker and Top Business Coach.