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आदत 1- किसी के लिए दरवाजा खोलना:
यदि आप कार से उतरते हुए दूसरों के लिए दरवाजा खोल दे तो उसके अवचेतन मस्तिष्क में आपकी यह विनम्रता सदा के लिए अंकित हो जाती है। यदि आप होटल में, मॉल की लिफ्ट में या किसी भी ऑफिस के दरवाजे को अपने साथ जाने वाले लोगों के लिए कुछ क्षण खोल के रख देते हैं और उनके बाद आप पीछे प्रवेश करते हैं तो उनके दिमाग़ में आपकी पर्सनैलिटी के बारे में कई तरह की सकारात्मक भावनाएं पैदा होती है।
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जो लोग लगातार कहीं पर भी समय पर पहुँचते है, उनसे धीरे -धीरे लोगों के दिमाग में एक संदेश जाता है कि यह व्यक्ति अनुशासित, भरोसेमंद है और यह अपने जीवन के बारे में गंभीर है। खास बात यह है कि यह संदेश स्वयं ही सामने वाले के दिमाग़ में स्थापित हो जाता है, जब वो बार बार आपको इस आदत के साथ देखता है।
आदत 3 - नोट्स लेना:
कहीं किसी चर्चा में जब आप अपनी पेन और डायरी लेकर नोट्स लेना प्रारंभ करते है तो अचानक ही आप वहां बैठे सारे लोगों से बेहतर और समर्पित नजर आते है। किसी लेक्चर में जब सभी लोग वहां बैठे यूँ ही सुन रहे है, उस बीच आप जब नोट करते है तो लोग तुरंत आपके बारे में गंभीर, व्यवस्थित, अनुशासित, सीखने को आतुर और विद्वान जैसी धारणाएं अपने दिमाग में पैदा करते है। हाल ही में में बिज़नेस जीतो डॉट कॉम के नए लोगों को समझाते हुए देख रहा था कि जो लोग नोट्स ले रहे है, मेरा सारा ध्यान उनकी तरफ था। यह छोटा सा नोट्स लेने का काम आपको किसी जगह जल्दी नौकरी भी दिलवा सकता है और किसी बड़ी डील को आपके पक्ष में भी कर सकता है ।
यदि कोई आपके बारे में छोटी से छोटी चीज़े याद रखता है और बाद में अचानक किसी दिन बातचीत में वो उन छोटी चीजों को दोहरा देता है तो आपको एक सुखद एहसास होता है। आपको लगता है कि सामने वाले ने आपमें भरपूर रुचि ली और उसने आपको महत्वपूर्ण समझा। हम वी आई पी मैं सालों से ये आदत सिखाते हैं। आपको कहीं भी अपना जबरदस्त सकारात्मक प्रभाव पैदा करना हो तो छोटी -छोटी बातों को याद रखिए। उनको बाद में दोहराकर सामने वाले को यह सिद्ध कीजिए कि आपने उनकी बातों को ध्यान से सुना था। उदाहरण के तौर पर पहले किसी व्यक्ति ने आपको बातों -बातों में बताया था कि कल मैं डॉक्टर को दिखाने गया था । आप उससे दो महीने बाद अचानक पूछते है कि पिछली बार आप डॉक्टर को दिखाने गए थे, क्या सब कुछ ठीक रहा। हो सकता है कि वो डॉक्टर को दिखाने की बात को भूल गए हो लेकिन उनको एक सुखद आश्चर्य होता है कि आप इतनी छोटी सी बात याद रखते है। यह आपके बारे में बेहद सकारात्मक राय कायम करता है।
आदत 5 - आपकी टेबल के आसपास पुस्तकें रखना और कोट्स के पोस्टर लगाना:
यदि आपकी टेबल पर या पीछे बुक रैक पर दुनिया के महानतम लोगों की दो- तीन शानदार किताबें रखी हुई होती है तो अंजाने में ही सामने वाले के अवचेतन मस्तिष्क में यह संदेश जाता है कि व्यक्ति विद्वान है। पुस्तकों की अपनी एक भाषा होती है । वो खुद ही कहती है कि यह व्यक्ति समझदार है, सीखने में यकीन रखता है, अपना भविष्य गढ़ना चाहता है, दुनिया से आगे रहना चाहता है, और उसकी बड़ी सोच है । औसत आदमी मैगज़ीन या कॉमिक्स तक सीमित रह जाता है लेकिन जो खास बनना चाहते है, वही प्रबंधन, जीवन और आध्यात्म से जुड़ी पुस्तकें रखतें है। यदि आपकी टेबल के आसपास कुछ महापुरुषों के मोटिवेशनल कोट्स या मिशन स्टेटमेंट लगे हों तो वह भी संदेश देता है कि आप सकारात्मक है, भीड़ से अलग हैं, और बड़ा सोचते है। यह वो छोटे छोटे पहलू है जिनके बारे में किसी को कहने या बोलने की ज़रूरत नही पड़ती ।
यदि आपको लगता है कि यह छोटी बातें है तो आप शांति से बैठकर एक बार याद करने का प्रयास कीजिए किसी के बारे में आप राय कैसे बनाते है।
यह मेरा बरसों का अनुभव है। छोटे- छोटे कार्यों के माध्यम से आप अपनी सकारात्मक छवि दूसरों तक पहुंचा सकते है। इन्हें करते हुए आप खुद भी फील गुड महसूस करेंगे, इसलिए मेरी सलाह मानकर कार्यों को बिना सोचें तुरंत ही कर डालना चाहिए।
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Dr. Ujjwal Patni
Top Motivational Speaker and Business Coach